अरविन्द कुमार तिवारी:
पोटका के सुदूरवर्ती गॉव टांगराइन में मेरा पदस्थापन दिनांक 31.01.2017 को हुआ। विद्याालय में पठन-पाठन के लिए जो जिम्मेदारी मुझे दी गई है, उसका निर्वहन करने के साथ-साथ गॉव के सम्पूर्ण विकास का दायित्व भी मेरे ऊपर है।
एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में मेरा जुड़ाव टांगराइन गॉव से वर्ष 2005 से ही रहा है। इसलिए पदस्थापन होते ही मेरे मन में कई तरह के विचार आ रहे थे। सोच रहा था कि यह दायित्व क्या सिर्फ संयोगवश है। मुझे ऐसा कुछ करना होगा जिससे पूरे क्षेत्र का न केवल शिक्षा के क्षेत्र में बल्कि सामाजिक, आर्थिक एवं सांस्कृतिक क्षेत्र में भी विकास हो।
मुझे कष्ट होता है यह देखकर –
• अक्षर नहीं पढ़ पाने वाले बच्चे
• बीमार व भूखे बच्चे
• सूखे व खाली खेत
• वृक्ष विहीन सड़कें
• खेल व मनोरंजन से वंचित बच्चे
मैं चाहता हूँ –
• टांगराइन के सभी बच्चे पढ़-लिख सकें।
• कंप्यूटर साक्षर हो।
• सभी मैट्रिक की परीक्षा प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण हो।
• चाकडी से टांगराइन तक की सडक के दोनों किनारों पर छायादार वृक्ष हों।
• जंगल का विस्तार हो।
• बारहों माह खेती हो।
• पशुपालन व मछली पालन से क्षेत्र के किसान आर्थिक रूप से मजबूत हो।
विद्यालय तथा क्षेत्र के विकास के लिए निम्न रणनीतियों पर काम करना चाहता हूँ।
1) लिखना लिखना – बच्चों में लिखने की प्रवृति को बढ़ावा तथा भाषा ज्ञान को मजबूत करने के लिए सभी विधार्थियों को प्रतिदिन दो पन्ना हिन्दी तथा दो पन्ना अंग्रेज़ी लिखने के लिए कहा गया है। कॉपी खत्म होने पर बच्चे अपनी पुरानी कॉपी जमा करेंगे। इसके बाद उन्हें नई कॉपी प्रदान की जायेगी। बच्चों की यह आदत उनमें भाषा की पकड़ एवं भाषा के प्रवाह को बढ़ाने में मदद करेगी।
प्रगति: यह योजना 1 फरवरी 2017 से लागू कर दी गई है। बच्चे इसमें काफी रूचि ले रहे हैं। 40: से अधिक बच्चे प्रतिदिन कॉपी लिखने का कार्य कर रहे हैं। कॉपी उन्हें व्यक्तिगत खर्च से उपलब्ध करा रहा हूँ।
2) अक्कड़- बक्कड़ रीडिंग क्लब व सुनो कहानी: बच्चों में पढने की प्रवृति को बढ़ावा देने के लिए बच्चों की लगभग बारह पत्रिकाएं नियमित मंगाई जा रही है। नयी-नयी कहानी पुस्तकें उपलब्ध करायी जा रही हैं। इसके लिए रीडिंग क्लब का गठन किया गया है। ‘सुनो‘ कहानी के तहत बच्चे कहानी सुनाते हैं। इससे बच्चों में पढ़ने की प्रवृति बढ़ रही है।
प्रगति: रीडिंग क्लब का उद्घाटन कर दिया गया है। पुस्तकालय में नियमित रूप से बाल पत्रिकाएँ आ रही हैं-
1. नंदन
2. चंपक
3. बाल भारती
4. बाल भाष्कर
5. Y-Bhaskar
6. रीड एंड कलर
7. बाल हंस
8. विज्ञान प्रगति
9. Champs
10. Greenies
11 सुमन सौरभ
12 अक्कड- बक्कड
3) जन्म दिन समारोह: सभी बच्चे खास होते हैं। सबके अपने – अपने गुण होते है। सभी बच्चों को खास होने का अहसास दिलाने के लिए विद्यालय के सभी बच्चों का जन्मदिन मनाया जायेगा। इस अवसर पर उन्हें विद्यालय की ओर से एक पुस्तक व एक पौधा भेंट में दिया जायेगा। जन्मदिन विद्यालय में अंकित जन्म तिथि के अनुसार मनाया जायेगा। बच्चों व अभिभावकों को सजग किया जायेगा कि वे अपना जन्मदिन याद रखें और आधार कार्ड आदि में एकरूपता रखें। बच्चों को अपने जन्मदिन पर पौधा लगाने के लिए प्रेरित किया जायेगा।
प्रगतिः अप्रैल माह से जन्मदिन मनाने की परंपरा की शुरूआत कर दी गई है।
4) योग की शिक्षाः बच्चों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता एवं शरीर से स्वस्थ रहने के लिए योग की शिक्षा दी जायेगी। प्रत्येक सप्ताह में एक दिन योग के शिक्षक को बुला कर बच्चों को योग की शिक्षा दी जायेगी।
प्रगतिः दिनांक को युवा भारत एवं पतंजली की ओर से योग शिक्षकों की टीम ने बच्चों को योग की शिक्षा दी गई।
5) फुटबॉल प्रतियोगिता: वच्चों में खेलकूद को बढावा देने के लिए फुटबॉल प्रतियोगिता का आयोजन किया जायेगा। समय समय पर विशेषज्ञ फुटबॉलर को बुलाकर बच्चों को प्रशिक्षित किया जायेगा। बर्ष 2018 के जमशेदपुर लीग में भाग लेने के लिए स्कूल से टीम भेजी जाएगी।
प्रगतिः अप्रैल माह में फुटबॉल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। लड़कों की छह टीमों के बीच लीग मैच हुआ, जिसमें गॉधी हाउस विजेता रहा। लड़कियों की दो टीमें बनायी गई थीं, जिसमें महारानी लक्ष्मी बाई की टीम विजयी रही।
6) कहो पहाड़ा व पहाड़ा रैलीः बच्चों में गणितीय क्षमता के विकास के लिए जरूरी है कि बच्चे 100 तक की गिनती व 20 तक का पहाडा जानें। रिसर्च में भी पाया गया है कि जो बच्चे बचपन में गिनती व पहाड़ा याद कर लेते हैं उनमें गणित के प्रति रुचि ज्यादा होती है। इसके लिए बच्चों के लिए कहो पहाड़ा प्रतियोगिता का आयोजन किया जायेगा। साथ ही बच्चों को लेकर गॉव में पहाड़ा रैली निकाली जायेगी। इससे पूरे गॉव में शैक्षणिक माहौल स्थापित होगा।








प्रगतिः कहो पहाड़ा के तहत सभी बच्चों को 6 मई तक 20 तक का पहाड़ा सुनाने के लिए कहा गया है। विजेता बच्चों को ‘बाहुबली‘ फिल्म शहर ले जाकर दिखाई गयी।
7) किचन गार्डेनः बच्चों को पोषण के प्रति जागरूक करने के लिए तथा बेकार पानी के उपयोग के लिए विधालय परिसर में किचन गार्डेन बनाया जायेगा। किचन गार्डेन की सब्जियों का उपयोग मध्याह्न भोजन में किया जायेगा। स्कूल में किचन गार्डेन की स्थापना के साथ-साथ अपने-अपने घरों में बच्चे अपने अभिभावक के साथ मिलकर किचन गार्डेन बनायेंगे। इसके लिए एक प्रतियोगिता का आयोजन किया जायेगा। प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत भी किया जायेगा। विजेता का चयन इस आधार पर होगा कि उन्होंने बेकार पानी का उपयोग किस तरह किया है। घेरा जीवंत पौधों या किस तरह से किया गया। पोषण वाटिका में क्या क्या पौधे लगाये गए हैं।
प्रगतिः विद्यालय में घेरा कर किचन गार्डेन बनाया गया है। साग लगाया गया है।
8) सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता: बच्चों में सामान्य ज्ञान का विकास एवं प्रतियोगिता परीक्षओं की तैयारी के लिए प्रत्येक शनिवार को सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता का आयोजन किया जायेगा। साथ ही प्रतिदिन असेंबली में दस सामान्य ज्ञान के सवाल पूछे जायेंगे।
9) लैपटॉप वितरण: शहर के कुछ लोगों से संपर्क कर पुराना लैपटॉप दान में लिया जायेगा। दस-दस बच्चों को ग्रुप बनाकर उन्हें एक-एक लैपटॉप दिया जायेगा। इससे बच्चों में कंप्यूटर साक्षरता बढ़ेगी।
प्रगतिः इसके तहत मैंने अपना पुराना लैपटॉप विष्णु एवं रवीन्द्र सरदार (सिदिरसाई निवासी) को दिया।
10) कंप्यूटर लिटरेसी कैंप: शहर के कंप्यूटर जानकार युवाओं को लेकर कंप्यूटर लिटरेसी कैंप लगाया जायेगा। इसमें ऐसे युवक बच्चों को कंप्यूटर की विभिन्न तकनीक समझायेंगे।
प्रगतिः 25 अगस्त को एक दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। विजय सिंह एवं अनुष्का ने बच्चों को मोबाइल एवं इंटरनेट की जानकारी दी।
11) नाटक दल का गठन: विद्यालय के बच्चों का नाटक दल गठन किया जायेगा। विशेषज्ञ नाटक कलाकारों को आमंत्रित कर नाटक प्रशिक्षण शिविर का आयोजन होगा।
प्रगति: रविकान्त मिश्रा के नेतृत्व में दिनांक 18 अगस्त से प्रशिक्षण शुरु किया गया।
12) संगीत का प्रशिक्षण: विशेषज्ञों को आमंत्रित कर गीत-संगीत प्रशिक्षण दिया जायेगा
13) मैट्रिक परीक्षा के लिए विशेष कोचिंग: मैट्रिक परीक्षा में विद्यालय के सभी छात्र कम से कम प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण हो। यह सुनिश्चित करने के लिए आठवीं कक्षा के बाद भी बच्चों को कोच किया जायेगा। प्रत्येक बच्चे की पढ़ाई की प्रगति पर नजर रखी जायेगी।
14) नवोदय सैनिक विद्याालय में प्रवेश के लिए विशेष तैयारी: वैसे बच्चे जो नवोदय एवं सैनिक विद्यालय में प्रवेश की तैयारी करेंगे, उनके लिए विद्यालय की ओर से विशेष कोचिंग दी जायेगी।
15) टाटा एजुकेशन एक्सीलेंस अवार्ड: विद्याालय में शिक्षा की उत्कृष्टता को स्थापित करने के लिए वर्ष 2018-19 में टाटा एजुकेशन एक्सीलेंस अवार्ड में शामिल होने का प्रयास किया जायेगा।
16) लैग्वेंज लैब की स्थापना: बच्चों में अंग्रेजी भाषा के ज्ञान के लिए लैग्वेंज लैब की स्थापना की जायेगी।
17) दीवार पेंटिंग: स्कूल के दीवारों को खूबसूरत तथा बच्चों में चित्रकारी को बढ़ावा देने के लिए बच्चे ही दीवार में आर्ट पेंटिंग करेंगे।
18) स्मार्ट क्लास: विद्यालय में स्मार्ट क्लास की स्थापना के लिए प्रयास किया जायेगा। इसके लिए समाजसेवियों से संपर्क किया जायेगा।
19) ओपन माइक, क्विज, निबंध प्रतियोगिता का आयोजन: बच्चों में सृजनात्मक प्रतिभा के विकास कं लिए ओपन माइक, क्विज, निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया जायेगा।
20) पत्रिका का प्रकाशन: बच्चों में लेखन क्षमता के लिए पत्रिका का प्रकाशन किया जायेगा।
21) वेबसाइट निर्माण: विद्यालय के लिए वेबसाइट निर्माण किया जायेगा।
22) तैराकी प्रतियोगिता: बच्चों को तैराकी के पेशेवर प्रशिक्षण के लिए तैयार किया जायेगा। सबसे पहले तैराकी प्रतियोगिता आयोजित की जायेगी। यह प्रयास किया जायेगा कि तैराकी प्रतियोगिता का आयोजन जे आर डी टाटा स्टेडियम में हो। यदि इजाजत नहीं मिलती है तो उसे गाँव में ही आयोजित किया जायेगा। साथ ही जनप्रतिनिधियों के माध्यम से टाँगराइन गॉव में स्वीमिंग पुल एवं तैराकी प्रशिक्षण के लिए आधारभूत सुविधा प्रदान करने के लिए आग्रह किया जायेगा।
23) निःशुल्क चिकित्सा शिविर: स्वास्थ्य सुरक्षा हेतु नियमित रूप से निःशुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन किया जायेगा। शिविर के आयोजन के लिए जिला प्रशासनए रेडक्रॉस व टी एस आर डी एस की मदद ली जायेगी।
24) प्रसिद्ध खेलकूद प्रशिक्षकों को आमंत्रित करना: विद्यालय के बच्चों को खेलकूद में भी कैरियर बनाने के लिए प्रेरित करने हेतु समय-समय पर खेलकूद प्रशिक्षकों को आमंत्रित किया जायेगा। इसके लिए खेल पत्रकार संघ की मदद ली जायेगी।
25) खेलकूद व नेतृत्व विकास: खेलकूद व नेतृत्व विकास के लिए नेहरू युवा केन्द्र, स्काउट्स एवं एडवेंचर क्लब की मदद ली जायेगी।
26) उन्नत कृषि तकनीक बागवानी, पशुपालन, मत्स्यपालन, लाह खेती, मशरूम उत्पादन आदि के लिए विशेषज्ञों को आमंत्रित करना: ग्रामीण विकास के लिए जरूरी उन्नत कृषि तकनीकए बागवानीए पशुपालनए मत्स्यपालनए लाह खेतीए मशरूम उत्पादन आदि के विशेषज्ञों को आमंत्रित कर बच्चों को प्रशिक्षण दिया जायेगा ताकि वे भी अपने घर के आर्थिक उन्नयन में हाथ बंटा सकें।
27) कृषि विज्ञान केन्द्र व एनएमएल का विजिट: बच्चों में वैज्ञानिक प्रवृति को बढावा देने के लिए कृषि विज्ञान केन्द्र एन एम एल तथा न्यूजपेपर हाउस का विजिट कराया जायेगा।
28) डीप बोरिंग व मोटर पंप की व्यवस्था: विद्यालय में डीप बोरिंग व मोटर पंप की व्यवस्था करने का प्रयास किया जायेगा ताकि बच्चों को स्वच्छ जल उपलब्ध हो सकें। साथ ही शौचालय को साफ सुथरा रखा जा सकें।
प्रगतिः विधायक श्रीमती मेनका सरदार ने इसके लिए टीएसआरडीएस को अनुशंसा भेज दी है। टीएसआरडीएस की ओर से भी इसकी प्रकिया शुरू हो गई है।
29) स्टडी सर्किल, पीयर लर्निंग एवं डेली रुटीन: बच्चों के रहने के स्थान को ध्यान में रखते हुए बच्चों के कई स्टडी सर्किल बनाये जायेंगे।उंची कक्षा के विद्यार्थी ग्रुप का नेतृत्व करेंगे।स्टडी सर्किल में पढ़ाई ग्रुप स्टडी एवं पीयर लर्निंग के आधार पर होगी।प्रत्येक बच्चें को अपना डेली रुटीन बनाने के लिए प्रेरित किया जायेगा। शिक्षक डेली रुटीन की समीक्षा कर जरुरत के मुताबिक मार्गदर्शन करेंगे। स्टडी सर्किल के माध्यम से सुबह छह बजे से शाम छह बजे तक उनकी पढाई,खेलकूद व मनोरंजन की व्यवस्था सुनिश्चित की जायेगी। प्रत्येक स्टडी सर्किल में एक लैपटॉप देने का प्रयास किया जायेगा।
30) पोषक क्षेत्र को बकरी पालन एवं सब्जी उत्पादन का हब बनाने का प्रयासः बच्चों के जरिए अभिभावकों को प्रेरित किया जायेगा कि पूरे क्षेत्र को बकरी पालन एवं सब्जी उत्पादन का हब बनाया जाए। इससे लोगों की आमदनी बढ़ेगी।ग्रामीणों से मिलकर उन जगहों को चिन्हित किया जायेगा, जहां डीप बोरिंग किये जाने से हर इंच जमीन सिंचित हो। इसके बाद चिन्हित जगहों पर जनप्रतिनिधि, सरकार, निजी दानकर्ता तथा कारपोरेट हाउस से संपर्क कर डीप बोरिंग एवं पंप से सिंचाई का प्रयास किया जायेगा।
31) गोट (बकरी) क्लब का गठन और गोट शो का आयोजनः विद्यालय में एक गोट क्लब का गठन किया जायेगा। सबसे गरीब बच्चे को बकरी उपहार में दिया जायेगा। बच्चे अपने साथ अपनी बकरी को स्कूल ला सकते है। विद्यालय प्रांगण में ही एक चरने का नियत स्थान होगा। बकरियों का नामकरण होगा। बकरियो के साथ गोट शो प्रतियोगिता भी होगी। इन सबसे बच्चों में पशुपालन के प्रति जागरुकता आयेगी। परिवार की आमदनी बढ़ाने में बच्चे भी मदद करेंगे। बच्चों को बचत के लिए प्ररित किया जायेगा। टांगराइन पहाडी खस्सी के नाम से ब्रांडिंग कर क्षेत्र के किसानों का पशुपालन से आमदनी बढ सकेगी।
32) गेस्ट हाउस का निर्माण तथा विलेज टूरिज्म को बढावा: वन विभाग या पर्यटन विभाग के सहयोग से विलेज टूरिज्म को बढावा देने के लिए गेस्ट हाउस का निर्माण किया जा सकता है। इससे शोध कर रहे छात्रों के जरिए बच्चो की पढ़ाई में मदद मिलेगी।
33) शहर के निजी विद्यालयों से बातचीत कर एक्सचेंज कार्यक्रम आयाजित करना
34) बच्चो को ऊँची शिक्षा के लिए गोद लेने के लिए लोगों को प्रेरित करना
35) विद्यालय के सौंदर्यीकरण के लिए चहारदिवारी का निर्माण
36) विद्यालय विस्तार के लिए जमीन अधिग्रहण
37) बुक, कपड़ा, जूता, लैपटाप बैंक की स्थापना
38) मिशन आर्मी की शुरुआत
विजनः टांगराईन गांव एवं इसके आसपास के युवकों को शारीरिक एवं मानसिक रुप से मजबूत बनाना और उन्हें देश सेवा के लिए प्रेरित करना
मिशनः टांगराईन गांव एवं इसके आसपास के युवकों को आर्मी या पुलिस में बहाली के लिए तैयार करना
गतिविधियां
1. मिशन आर्मी में शामिल सभी बच्चे सुबह चार बजे उ0 म0 वि0, टांगराईन के प्रांगण में जमा होंगे और लंबी दूरी तक की दौड़ की प्रैक्टिस करेंगे।
2. उनकी शारीरिक क्षमता एवं खेल तकनीक में दक्षता के लिए अनुभवी प्रशिक्षकों को आमंत्रित कर प्रशिक्षित किया जायेगा।
3. उनके शरीर के उचित विकास के लिए सही पोषण की सलाह एवं उसकी समुचित व्यवस्था की जायेगी।
4. उनके बीच नियमित रुप से सामान्य ज्ञान, गणित एवं सामान्य अंग्रेजी की कक्षा की भी व्यवस्था होगी।
5. मिशन आर्मी को सफल बनाने के लिए संचालन कमिटी का गठन होगा। संयोजक स्कूल का ही कोई एक विद्यार्थी होगा।
6. उन्हें पोषण हेतु प्रतिदिन चना गुड दिया जायेगा, जिसकी व्यवस्था आपसी चंदा एवं शुभचिंतकों के सहयोग से किया जायेगा।
39. दीवार पत्रिका
विजन: बच्चों में भाषा की दक्षता एवं सृजनात्मक क्षमता का विकास
मिशनः बच्चे स्वंय पत्रिका निकालें एवं उनकी रचनाएं मौलिक हों